हमारे बारे में

जहाँ कानून और व्यवसाय एक साथ आगे बढ़ते हैं।

भारत का कानूनी ढांचा जटिल हो सकता है लेकिन सही साझेदार के साथ यही आपकी सबसे बड़ी ताकत बन जाता है।

और हम यही मूल्य हर दिन प्रदान करते हैं।

Prashant Kumar Partner, Pratham Legal

हमारे बारे में

विशेषज्ञ-नेतृत्व वाली सेवाएँ

एजेंटों द्वारा नहीं, पेशेवरों द्वारा संभाला गया।

त्वरित और परेशानी मुक्त

तेज़, अनुपालन, और पूरी तरह से ऑनलाइन।

व्यवसायों द्वारा विश्वसनीय

100% पेशेवर। स्पष्ट और पारदर्शी।

500+ व्यवसाय सेवा प्रदान की गई

भारत और विदेशों में 500+ व्यवसाय पेशेवर, पारदर्शी और कम्प्लायंट लीगल समाधान के लिए हम पर भरोसा करते हैं।

हम कौन हैं

Pratham Legal एक कॉर्पोरेट और कमर्शियल लॉ फ़र्म है, जो व्यवसायों को भारत के कानूनी, नियामक और रणनीतिक ढांचे में सहजता से आगे बढ़ने में मदद करती है। हम स्टार्टअप्स, उभरते व्यवसायों और वैश्विक निवेशकों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि प्रवेश से विस्तार तक हर चरण संरचित, कम्प्लायंट और भविष्य-तैयार हो। हमारी विशेषज्ञता बिज़नेस सेटअप, FEMA एवं विदेशी निवेश, कॉरपोरेट गवर्नेंस, IPR और M&A तक फैली है। हर प्रोजेक्ट योग्य प्रोफेशनल्स द्वारा संचालित होता है, जो कानून और व्यवसाय दोनों की गहरी समझ रखते हैं और क्लाइंट्स को वही प्रदान करते हैं जिसकी उन्हें सबसे अधिक आवश्यकता होती है: स्पष्टता, कम्प्लायंस और आत्मविश्वास।

हम क्यों सबसे बेहतर हैं?

Pratham Legal में, हम मानते हैं कि व्यवसायिक कानून को विकास सक्षम करना चाहिए बाधाएँ नहीं बनानी चाहिए।हमारा दृष्टिकोण कानूनी विशेषज्ञता और व्यवसायिक व्यवहारिकता का संतुलित संयोजन है जो फ़ाउंडर्स, निवेशकों और कंपनियों को स्पष्टता, कम्प्लायंस और आत्मविश्वास के साथ काम करने में सक्षम बनाता है।
  • सभी कानूनी और कम्प्लायंस समाधान एक ही जगह
  • विशेषज्ञ-नेतृत्व परामर्श एजेंट्स नहीं, प्रोफेशनल्स
  • पारदर्शी शुल्क बिना किसी छिपी हुई लागत के
  • पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया और तेज़ टर्नअराउंड
  • हर व्यवसाय के लिए अनुकूलित कानूनी सपोर्ट

प्रतिबद्धता

Prashant Kumar Partner
जटिल कानून को आत्मविश्वास से भरे व्यावसायिक कदमों में बदलना।

हमारी विशेषज्ञता के क्षेत्र

Pratham Legal प्रत्येक विकास चरण पर व्यवसायों को रणनीतिक और कम्प्लायंट लीगल सपोर्ट प्रदान करता है।

  • हमारे प्रमुख प्रैक्टिस क्षेत्र:
  • कंपनियों, LLPs और सब्सिडियरीज़ का इन्कॉरपोरेशन।
  • FDI स्ट्रक्चरिंग, RBI फाइलिंग्स और क्रॉस-बॉर्डर कम्प्लायंस।
  • वार्षिक ROC फाइलिंग, बोर्ड डॉक्यूमेंटेशन और सिक्रेटेरियल ऑडिट।
  • ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और डिज़ाइन रजिस्ट्रेशन।